Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon (मैं नास्तिक क्यों हूँ) - BHAGAT SINGH

Bhagat Singh : Main Nastik Kyon Hoon (मैं नास्तिक क्यों हूँ)

By BHAGAT SINGH

  • Release Date: 2024-07-03
  • Genre: Biographies & Memoirs

Description

मैं नास्तिक क्यों हूँ भगत सिंह द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध निबंध है, जिसे उन्होंने लाहौर सेंट्रल जेल में कारावास के दौरान १९३० में लिखा था । यह निबंध उनके सबसे चर्चित और प्रभावशाली कार्यों में से एक है। इस पुस्तक में भगत सिंह ने ईश्वर के अस्तित्व पर तार्किक रूप से प्रश्न उठाए हैं। वे धर्म, अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों पर भी अपनी टिप्पणी करते हैं। भगत सिंह का मानना था कि ईश्वर का विचार शोषण और अन्याय को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वे एक न्यायपूर्ण और समान समाज के निर्माण पर विश्वास करते थे, जहाँ ईश्वर की अवधारणा की कोई आवश्यकता नहीं थी। इसे सरल और स्पष्ट भाषा में लिखा गया है, जो इसे आम जनता के लिए सुलभ बनाता है । भगत सिंह ने अपनी बातों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने के लिए तर्क, उदाहरणों और उपमाओं का प्रयोग किया है। उनका लेखन भावुक और प्रेरक है, जो पाठकों को प्रेरित करता है। 'मैं नास्तिक क्यों हूँ' भगत सिंह की साहित्यिक और क्रांतिकारी विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक ऐसी पुस्तक है जो पाठकों को सोचने, प्रश्नों पर विचार करने और एक बेहतर समाज के लिए प्रेरित करता है।